मैं समझती हूँ
जब मेरे जन्म पर मुझे लक्ष्मी कहते हो, मैं समझती हूँ।
और कहीं मेरे जन्म से पहले मुझे मार देते हो फिर भी मैं समझती हूँ।। हर कदम पर मुझपर ज़िम्मेदारियां डालते हो, मैं समझती हूँ।
बचपन से ही पराया धन समझते हो, मैं समझती हूँ।। मुझे अपने भाईयों से अलग मानते हो, मैं समझती हूँ।
उनके हाथ में कलम मेरे हाथ में कलछी पकड़ाते हो, मैं समझती हूँ।। दोस्तों के साथ घर पर बैठने को संस्कारी बुलाते हो, मैं समझती हूँ।
लेकिन उन्ही दोस्तों के साथ बाहर घूमने को चरित्रहीन बुलाते हो, मैं समझती हूँ।। मै