मगर; ना तुम….
ना तुम कुछ बोलोगी, ना हम कुछ बोलेंगे
इसी कश्मकश में कि कौन पहले बोलेगा,
एक कोशिश बोलने की हम दोनों करेंगे, मगर
ना तुम कुछ बोलोगी, ना हम कुछ बोलेंगे… ना तुम कभी बदलोगी, ना हम कभी बदलेंगे,
इसी बदहवासी में कि कौन कितना बदलेगा,
एक कोशिश बदलने की हम दोनों करेंगे, मगर
ना तुम कभी बदलोगी , ना हम कभी बदलेंगे… ना तुम हमे सोचोगी, ना हम तुम्हें सोचेंगे,
इसी अनजानेपन में कि कौन पहले सोचेगा,
एक कोशिश सोचने की हम दोनों करेंगे, मगर
ना तुम हमे सोचोगी , ना हम तुम्हें सोचेंगे… ना तुम व